Rooh Ki Pyaas Bujha Di
रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने
तू कोई झील है, झरना है, घटा है,क्या है?
नाम होटों पे तेरा आए तो राहत सी मिले।
तू तसल्ली है, दिलासा है, दुआ है,क्या है?
रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने
तू कोई झील है, झरना है, घटा है,क्या है?
नाम होटों पे तेरा आए तो राहत सी मिले।
तू तसल्ली है, दिलासा है, दुआ है,क्या है?