Qissa Mere Junoon Ka Bahut Yaad Aayega
किस्सा मेरे जुनूँ का बहुत याद आयेगा
जब-जब कोई चिराग हवा में जलाएगा
रातों को जागते है, इसी वास्ते कि ख्वाब
देखेगा बंद आँखे तो फिर लौट जायेगा
कब से बचा रखी है इक बूँद ओस की
किस रोज़ तू वफ़ा को मेरी आजमायेगा
कागज की कश्तियाँ भी बड़ी काम आयेगी
जिस दिन हमारे शहर में सैलाब आयेगा
दिल को यकीन है कि सर-ए-रहगुज़ार-ए-इश्क
कोई फर्सुदा दिल ये ग़ज़ल गुनगुनाएगा