नहीं समझ पा रहा हूँ कैसे करू तारीफ आपकी वो लफ्ज नहीं है मेरे पास
जो एहमियत बता
सके आपकी।
दुनिया की भीड़ में सबसे करीब जो है, मेरे पापा मेरे खुदा मेरी तकदीर वो है ।
भूखा नहीं सोया कभी मजबूर बनकर अपने सपने बेचकर खिलाया बाप ने मजदूर बनकर
मतलब की इस
दुनिया में वह पिता ही तो है. जो औलाद को
बेमतलब प्यार करता है।
बिन बताये वो हर बात जान जाते हैं, मेरे पापा मेरी हर बात मान जाते हैं।
फुल कभी दोबारा नहीं खिलते, जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते मिलते है लोग हजारों दुनिया में, पर पापा जितने प्यारे नहीं मिलते।
कंधो पर झुलाया कंधो पर घुमाया,
एक पापा की बदौलत ही मेरा जीवन खुबसूरत बन पाया।
खुशिया जहाँ की सारी मिल जाती है, जब पापा की गोद में झपकी मिल जाती है।
जेब ख़ाली हो फिर भी मैंने कभी मना करते नहीं देखा मैंने पापा से अमीर कोई इंसान नहीं देखा।
आपके ही के नाम से जाना जाता हूँ “पापा”, भला इस से बड़ी शोहरत मेरे लिए क्या होगी।