Narazagi Shayari - Hindi Shayari

Narazagi Kabhi Vha Mat Rkhiyega

नाराजगी कभी वहाँ मत रखियेगा जहाँ, आपको ही बताना पड़े की आप नाराज हो

Meri Fitrat Mein Nahi Hai Kisi Se Naraz Hona

मेरी फितरत में नहीं हैं किसी से नाराज होना, नाराज वो होतें हैं
जिन्हें अपने आप पर गुरूर होता है।

Ek Narazagi Si Hai Zehan Mein Zarur Par Mein Khafa Nahi Kisi Se Bhi

एक नाराज़गी सी है जहन में जरुर, पर मैं खफ़ा किसी से नहीं।

Khamoshiyan Hi Behtar Hai

खामोशियां ही बेहतर हैं, शब्दों से लोग नाराज़ बहुत हुआ करते हैं।

Narazagi Unse Bhale Beshumaar Rethi Hai

नाराजगी उनसे भले बेशुमार रहती है, पर उन्हें देखने की चाहत बरकरार रहती हैं।

Teri Baat Ko Khamoshi Se Maan Lena Yeh Bhi Andaaz Hai Meri Narazagi ka

तेरी बात को
खामोशी से मान
लेना,
ये भी अंदाज है
मेरी नाराज़गी
का।

Teri Narazagi Vajib Hai Ee Dost Mei Bhi Khud Se Khush Nahi Aajkal

तेरी नाराजगी
वाजिब है ए दोस्त, मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल !!

Meri Narazagi Ko Meri Bewafayi Mat Samjhna

मेरी नाराज़गी को
मेरी बेवफ़ाई मत
समझना,
नाराज़ भी उसी से
होते है जिससे
बेइंतिहा मोहब्बत
हो।

Narazagi Chahe Kitni Bhi Ho Tumhe Chod Dene Ka Khayaal Hum Aaj Bhi Nahi Rakhte

नाराज़गी चाहे कितनी भी हो तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नहीं रखते…!

Teri Narazagi Meri Deewangi

तेरी नाराज़गी, मेरी दीवानगी, चल देखें किसकी उम्र ज्यादा है।

Yeh Kesi Mohabbat ka Aagaaz Kar Rahe Ho

ये कैसी मोहब्बत का आगाज़ कर रहे हो, शुरू हुई नहीं और, पहले ही हमे नाराज कर रहे हो.

Chand Ke Bina Chandni Adhuri Hoti Hai

चाँद के बिना चाँदनी अधूरी होती है, नाराज़गी ना हो तो मोहब्बत अधूरी होती है.

Tumhari Har Adda Hai Sabse Nayari

तुम्हारी हर अदा है सबसे नियारी जब रूठ जाती हो तुम तो लगती हो बहुत प्यारी

Narazagi Ho To Jtaa Lena Lekin Nafarat Na Karna

नाराज़गी हो तो जता लेना, लेकिन नफ़रत न करना, चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना, बस बेवफाई न करना।

Zindagi Ki Rihayi Se Nahi Tumhari Narazagi Se Dar Lagta Hai

जिंदगी की रिहाई से नहीं, तुम्हारी नाराज़गी से डर लगता है