Mujhe Tairne De
“मुझे तैरने दे या फिर बहना सिखा दे,
अपनी रजा में अब तू रहना सिखा दे,
मुझे शिकवा ना हो कभी भी किसी से,
हे ईश्वर !!
मुझे सुःख और दुःख के पार जीना सिखा दे| “
“मुझे तैरने दे या फिर बहना सिखा दे,
अपनी रजा में अब तू रहना सिखा दे,
मुझे शिकवा ना हो कभी भी किसी से,
हे ईश्वर !!
मुझे सुःख और दुःख के पार जीना सिखा दे| “