Mai Tere Ishq Ki Chaanv Mein


मैं तेरे इश्क़ की छाँव में जल-जलकर काला न पड़ जाऊं कहीं,
तू मुझे हुस्न की धूप का एक टुकड़ा दे..!

Category: Gulzar Shayari

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