Kitne Lambi Khamoshi Se Guzra Hu


कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की

जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता
Kitne Lambi Khamoshi Se Guzra Hu

Category: Khamoshi Shayari

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