आंखों में तेरी कोई जादू जरूर है,
जो भी देख ले वो लड़खड़ाता जरूर है।
असली खूबसूरती किसी की तारीफ की
मोहताज नहीं होती, उसके लिये तो बस
आंखों की वाह वाही ही काफी होती है।
गुजरती है जब वो करीब से
तो नक़ाब चेहरे से हटा देती है
जाने क्यूं वो रोज मेरे
दिल की धड़कन बढ़ा देती है
जब भी वो मुस्कुराते हैं,
उसे देख लोग खुश हो जाते हैं,
क्या कहना उनकी उस मुस्कान का,
ऐसा लगता है मानो बंद होंठों से अल्फाज निकल आते हैं।
कैसे कहे के आप कितनी खूबसूरत है,
कैसे कहे के हम आप पे मरते है,
यह तो सिर्फ़ मेरा दिल ही जनता है,
के हम आप पे हमारी जवानी क़ुरबान करते है
खूबसूरत होते हैं वो पल जब पलकों में सपने होते हैं,
चाहे जितने भी दूर रहे पर अपने तो अपने होते हैं।
ख़याल मे आता है जब उस का खूबसूरत चेहरा,
तो लबों पे अक्सर फर्याद आती है,
हम भूल जाते है उस के सारे सितम,
जब उस की थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है.
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से
मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है
निकालो अपना खूबसूरत सा चेहरा आगोश-ए-बिस्तर से,
सुबह तरस रही है तेरा दीदार करने को !
सोचता हूँ तेरी खुबसूरती पर कुछ लिखूं
पर रुक जाता हूँ इस डर से
कहीं पढ़ने वाला तेरा दिवाना ना हो जाए
तारीफ करूँ क्या तेरी,
कुछ अल्फ़ाज ही ना मिले,
जब से देखा है तुझको
दिल में अरमान है जगे.
तुझे सीने से लगने की चाहत है
तेरी बाहों में लिपट जाने की चाहत है
खुबसूरती का इम्तेहान है तू
तुझे ज़िन्दगी में बसाने की चाहत है
उनको देख आइना भी सरमा जाये
है इतनी खूबसूरत कि
चाँद भी फिका पड़ जाये
ये आइना क्या देंगे तुझे तेरी
खुबसूरती की खबर
मेरी आंखों से पूछ
तू कितनी खूबसूरत है