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हज़ार रुन्ज़ सर आँखों पर बात ही क्या है तेरी खुशी के ताल्लुक मेरी खुशी ही क्या है… रब्बा बचाए तेरी मस्त-मस्त निगाहों से फरिश्ता ही बहक जाए आदमी की तो ओकात ही क्या है
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