Navigation
गुज़र गया वो वक़्त जब तेरे तलबगार थे हम. अब खुद भी बन जाओ तो सजदा न करेंगे..! कितने आंसू बहूँगा उस बेवफा के लिए जिसको खुदा ने मेरे नसीब मैं लिखा ही नहीं….
Name (required)
Mail (will not be published) (required)
Δ