इस दिल का कहा मनो एक काम कर दो,
एक बे-नाम सी मोहब्बत मेरे नाम करदो,
मेरी ज़ात पर फ़क़त इतना अहसान कर दो,
किसी दिन सुबह को मिलो, और शाम कर दो.!
बेबस निगाहों में है तबाही का मंज़र,
और टपकते अश्क की हर बूंद,
वफ़ा का इज़हार करती है,
डूबा है दिल में बेवफाई का खंजर,
लम्हा-ए-बेकसी में तसावुर की दुनिया,
मौत का दीदार करती है,
ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की और कहेना,
के कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश,
उनके आँचल का इंतज़ार करती है.
वो दिल ही क्या जो तुझसे मिलने की दुआ न करे,
ए सनम…….
में तुझको भूल कर जिन्दा रह सकूं ऐसा रब्ब न करे.
ग़म मौत का नहीं है,
ग़म ये के आखिरी वक़्त भी तू मेरे घर नहीं है,
निचोड़ अपनी आँखों को, के दो आंसू टपके,
और कुछ तो मेरी लाश को हुस्न मिले,
डाल दे अपने आँचल का टुकड़ा,
के मेरी मय्यत पे कफ़न नही है..
main ne dil se kaha ae divane bata,
jab se koi mila tu hai khoya hua,
ye kahani hai kya hai ye kya silasila ae divane bata,
main ne dil se kaha ae divane bata,
dhadakanon mein chupi kaisi aavaz hai,
kaisa ye geet hai kaisa ye saz hai,
kaisi ye baat hai kaisa ye raz hai ae divane bata.