ना जाने किस तरह का संग-तराश था वो भी।
मुझे इस तरह तराशा है, के पाश-पाश हो गए हैं।।
चुप चाप सा ये कमरा मेरा और रोशन ताक जहाँ बल्ब जल रहे है,
खामोश बेजुबान जो बस जलना जानते है,
किसी की याद में..!!
ऐ इश्क़ दिल की बात कहूँ तो बुरा तो नहीं मानोगे,
बड़ी रहत के दिन थे तेरी पहचान से पहले!
बस में हो ना हो, तुमसे प्रेम ना करना सबसे बेहतर निर्णय है मेरे जीवन का, निर्णय था..!! शायद..!!
एक मिनट में जिंदगी नहीं बदलती,
पर एक मिनट सोच कर लिया हुआ फैसला,
पूरी जिंदगी बदल देता है.
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है ,
ए दोस्तों…..
लेकिन पूरी उसकी ही होती है जो तक़दीर लेकर आता है!
तेरे वादे का तू जाने मेरा वो ही इरादा है..!!
जिस दिन साँस टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी..!!
जादू हैं उसकी हर एक बात में,
याद बहुत आती है दिन और रात में,
कल जब देखा था मेने सपना रात में,
तब भी उसका ही हाथ था मेरे हाथ में!
मैं तेरे इश्क़ की छाँव में जल-जलकर काला न पड़ जाऊं कहीं,
तू मुझे हुस्न की धूप का एक टुकड़ा दे..!
मेरे दिल में एक धड़कन तेरी हैं,
उस धड़कन की कसम तू ज़िन्दगी मेरी है,
मेरी तो हर सांस में एक सांस तेरी हैं,
जो कभी सांस जो रुक जाए तो मौत मेरी हैं.
कोई पुछ रहा हे मुजसे मेरी जीन्दगी की कीमंत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना.
अगर कभी थक जाओ तो हमसे कहना,
हम उठा लेंगे तुमको अपनी इन बाहों में,
आप एक बार प्यार करके तो देखो हमसे,
हम सारी खुशियां बिछा देंगे आपकी राहों में.
तेरे करम तो हैं इतने कि याद हैं अब तक,
तेरे सितम हैं कुछ इतने कि हमको याद नहीं!
भले ही किसी गैर की जागीर थी वो,
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो,
मुझे मिलती तो कैसे मिलती,
किसी और के हिस्से की तक़दीर थी वो.
तन्हाई की दीवारो पे घुटन का पर्दा झूल रहा है.
बेबसी की छत के नीचे,कोई किसी को भूल रहा है!
मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,
जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है,
मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने,
मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं.
“तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे,
ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,
उसको पढते रहे और जलाते रहे”.