Dekhi Joh Nabaz Meri


देखी जो नब्ज मेरी,
हँस कर बोला वो हकीम,
जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ,
तेरे हर मर्ज की दवा वही है .

Dekhi Joh Nabaz Meri
Category: Dosti Shayari

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