Chup Chap Sa Ye Kamra Mera


चुप चाप सा ये कमरा मेरा और रोशन ताक जहाँ बल्ब जल रहे है,
खामोश बेजुबान जो बस जलना जानते है,
किसी की याद में..!!

Category: Gulzar Shayari

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